छावनीलाईन गाजीपुर उत्तर प्रदेश

स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं के / में परीक्षा केन्द्रों का प्रबंधन

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                                          एक उदहारण

(क)          आई० टी० आई० के प्रवेश परीक्षा केन्द्र पहले सभी तरह के सरकारी / वित्त पोषित अथवा वित्त विहीन गैर-सरकारी स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में हुआ करते थें (उदाहारण देखें), परन्तु आज-कल अधिकतर गाजीपुर (उ०प्र०) जिले के आई० टी० आई० के प्रवेश परीक्षा केन्द्र एक ही प्रबन्धन के अधीन/अंतर्गत चल रहे विभिन्न वित्त विहीन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं और इस प्रबन्धन द्वारा गोंद लिए गए विभिन्न स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में रहा है (उदाहारण देखें)|

(ख)         आई० टी० आई० के वार्षिक परीक्षा केन्द्र पहले सभी तरह के सरकारी / वित्त पोषित अथवा वित्त विहीन गैर-सरकारी स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में हुआ करते थें (उदाहारण देखें), परन्तु आज-कल अधिकतर गाजीपुर (उ०प्र०) जिले के आई० टी० आई० के वार्षिक परीक्षा केन्द्र एक ही प्रबन्धन के अधीन/अंतर्गत चल रहे विभिन्न वित्त विहीन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं और इस प्रबन्धन द्वारा गोंद लिए गए विभिन्न स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में रहा है (उदाहारण देखें)|

(ग)     आई० टी० आई० के वार्षिक परीक्षा केन्द्रों की सूची पहले कई दैनिक समाचार पत्रों (अख़बारों) में प्रकाशित होती थी, परन्तु अभी (माह अगस्त - सितम्बर 2014 में) हुई वार्षिक परीक्षा के केन्द्रों की सूची का / सम्बंधित समाचार का दर्शन मात्र भी किसी दैनिक समाचार पत्र (अख़बार) में नहीं हुआ|

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                              शिक्षा का स्तर 

एक ही प्रबन्धन के अधीन/अंतर्गत चल रहे विभिन्न वित्त विहीन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं मेंशिक्षकों की संख्या, योग्यता और अनुभव कागजों में कुछ और है, परन्तु वास्तव में तो अविश्वसनीय रूप में गजब की है| इनमें मुलभुत आवश्यकताओं जैसे पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, खेल इत्यादि की तो बात करना ही बेईमानी है| कई स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं की मान्यताएं, एक ही भवन को दिखाकर ली गयी है, तो कुछ भवन जिन्हें दिखाकर मान्यता ली गयी है उसकी तो छाया मात्र का भी पता नहीं है (उदाहारण देखने को ज्यादा दूर नहीं हैं.. यहीं हैं आस-पास और सभी आस-पास के जानते भी हैं) | कुछ वित्त विहीन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं को इसी प्रबन्धन ने गोंद भी ले रखा है, जहाँ पर वास्तव में न तो शिक्षक ही है और न ही छात्र और न ही शिक्षा; परन्तु इन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं के कागजों में सब कुछ है; छात्रों को छात्रवृत्ति भी मिलती है, छात्र पढते भी है परन्तु शिर्फ़ कागजों में और मान्यता है जो कि बरक़रार रहनी ही है; और क्यों न रहे क्योंकि इनकी जरूरत परीक्षा केन्द्रों के रूप में जो होनी है| तभी तो परीक्षा केन्द्रों का प्रबंधन ठीक से हो पायेगा और सामूहिक नकल की व्यवस्था भी हो पायेगी और तभी तो इन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं के भविष्य की बृद्धि दिन दूना रात चौगुना होगी; और शिक्षा का स्तर भी उसी के वर्ग / घन / सोच-समझ से परे के अनुपात में तभी तो असरदार हो पायेगा|

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                    सामूहिक नक़ल 

यही तो है जो इतने स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं को एक ही प्रबन्धन के अधीन/अंतर्गत खोलने की सुपर पावर देता है और विश्वास भी बरसात के जंगल की तरह लहराने को देता है| इसके लिए बस जरूरी है परीक्षा केन्द्रों का प्रबंधन और परीक्षा व्यवस्थापक सेटिंग वाला भले ही एक ही व्यक्ति बार-बार क्यों न हो केवल नाम ही तो छोटा बड़ा करना होता है| यदि परीक्षार्थी को लिखने नहीं आता / लिखने का समय नहीं है / लिखना नहीं चाहता है; कोई बात नहीं है दूसरे लिखने वाले की भी व्यवस्था है बस पाकेट ढीली करनी पड़ेगी| यही नहीं यह प्रबंधन तो अपने यहाँ बिना मान्यता के, बिना सम्बंधित दूसरे स्कूल / कालेज / शिक्षण संस्था और शिक्षा व्यवस्था को हवा लगे कई सौ छात्रों का फार्म भरवा लेने / फर्जी तरीके से अग्रसारित करवा लेने / परीक्षा भी सामूहिक नक़ल के साथ दिला लेने और दूसरे स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं के नाम से अंकतालिका और प्रमाण पत्र कई सौ छात्रों को दिला लेने में महारथ रखता है|

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                  छात्रवृत्ति

यह वह आतंरिक उर्जा है जो समय समय पर बेमौसम बरसात की तरह सिंच कर एक ही प्रबन्धन के अधीन/अंतर्गत चल रहे विभिन्न वित्त विहीन स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं और इसी  प्रबन्धन द्वारा गोंद लिए गए विभिन्न स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में जबरदस्त पावर का एहसास कराता है और और इनकी जड़ों को स्फूर्ति प्रदान करता है| ये तो एक ही छात्रों को विभिन्न स्कूलों / कालेजों / शिक्षण संस्थाओं में अथवा एक ही स्कूल / कालेज / शिक्षण संस्था में पिता / पता बदलकर लिया जाने वाला, छात्रों के फर्जी या जबरदस्ती के हस्ताक्षर / विभिन्न बैंकों में फर्जी या जबरदस्ती नक़ल कराने की छूट की लालच / फेल या पास की धमकी या लालच / सरकारी खाता में वापस जाने की बात जताने, से प्राप्त किये जाने वाला इस प्रबंधन का अनवरत द्रब्य स्रोत है|